एड्स कैसे होता है जानकारी हिंदी में

एड्स कैसे होता है जानकारी हिंदी में

एड्स कैसे होता है
एड्स कैसे होता है

सबसे पहले हम एड्स के बारे में कुछ जानकारी जान लेंगे | अंतर्राष्ट्रीय एड्स दिवस १ दिसंबर को मनाया जाता है|  सबसे पहले यह दिवस १ दिसंबर १९८८ को मनाया गया था|  एचआईवी एड्स का आंतरराष्ट्रीय प्रतिक लाल रिबन है, जो कि सबसे पहले १९९१ में अपनाया गया था | एड्स का फुल फॉर्म रिक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम[Required Immuno Deficiency Syndrome] यह है | इन शब्दों का अर्थ है कि वह बीमारी जो की आपके शरीर की खुद की रक्षा करने की शक्ति को बिल्कुल भी कम कर देती है | पूरी दुनिया में ७ करोड़ लोग एड्स से पीड़ित हो चुके हैं जिनमें से लगभग ३ करोड़ लोग इसकी वजह से मर चुके हैं |अब हम देखेंगे एड्स कैसे होता है |

एड्स कैसे होता है हिंदी में ?

  1. यह रोग सबसे ज्यादा सेक्स संबंधों के कारण फल जाता हें | इसके बाद गर्भ में पल रहे बच्चे को माता से यह रोग होता है, फिर ड्रग्स लेने वाले व्यक्ति को दूसरे से ड्रग्स शेयर करके, इसके बाद दूषित खून और अस्पतालों में उपयोग होने वाले दूषित सामान जैसे सुई इन चीजों से होता है |
  2. पूरे भारत में ५% कॉल गर्ल्स ऐसी है जो इस भयानक रोग से पीड़ित है| ज्यादातर कॉल गर्ल्स सेक्स करते समय कंडोम या दूसरे सुरक्षित तरीकों का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करती|
  3. जिस व्यक्ति को पहले से ही एड्स हुआ है उस व्यक्ति के साथ असुरक्षित सेक्स संबंध, दूषित खून, दूषित अस्पताल में जो सुई होती है उससे, पीड़ित माता के गर्भ में पल रहे बच्चे को समलैंगिक संबंध इन सारे कारणों से एड्स होने की संभावना बढ़ जाती है|
  4. अगर आपने इन गलतियों से कोई एक गलती कर ली है और अगर आपको ऐसा लगे कि आप एड्स के शिकार हो गए हो, तो सबसे पहले आप आपके खून की जांच सेक्स के २ से ३ महीने बाद कराएं और अगर आपकी यह रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो फिर से ६ महीने बाद दोबारा यह जांच करें |अगर फिर रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो टेंशन मत ले क्योंकि आप बिल्कुल तंदुरुस्त हो| लेकिन अगर आपके रिपोर्ट ६ महीने के बाद पॉजिटिव आते हैं तो आप एड्स से बाधित हो चुके हो |
  5. अब हम एड्स के कुछ लक्षण देखेंगे जिस से हमें पता चल सकता है कि हम एड्स से बाधित है या नहीं| बहुत समय से बार- बार खांसी आते रहना, वजन का अचानक काफी हद तक कम हो जाना, हमेशा बुखार आना, शरीर पर विविध प्रकार के निशान बन जाना, फंगल इन्फेक्शन ,रात को सोते समय पसीना आना, चमड़ी पर गुलाबी रंग के धब्बे होना, हाथ पाव में या शरीर के कोई भी भाग में दर्द होना,मानसिक रोग या, याददाश कमजोर हो जाना, यह कुछ एड्स के लक्षण है |
  6. एड्स से बचाव करने के लिए पीड़ित साथी से कभी भी सेक्स संबंध ना बनाएं, खून को चढ़ाने से पहले जांच लें कि यह खून एड्स बाधित है या नहीं, वैसे ही अस्पताल में उपयोग की हुई सुई दोबारा उपयोग में न लाएं इसकी खबरदारी ले|
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