मासिक धर्म अधिक होना
मासिक धर्म अधिक होना कारण :
जब कोई स्त्री बहुत अधिक नमकीन खट्टे को तेज मिर्ची उत्तरदाई कारक भोजन या चर्बीयुक्त माधव तथा मांसाहारी व्यंजनों का सेवन करती है तब तथा और तू काल में भी सहवास करने वह विभिन्न अनुचित मुद्राओं में सहवास करने से मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव होता है। अर्थात अति कामुक वह विलासी प्रवृत्ति का होना भी इसी रोग की प्रमुख कारण है।
मासिक धर्म अधिक होना लक्षण :
ऋतुकाल के दिनों में अत्यधिक रक्तस्त्राव होने से नाभी प्रवेश के नीचे वह पैरों तथा पिंडलियों में तेज दर्द होने लगता है। चेहरा पीला पड़ जाता है, भ्रम, मूर्छा, आंखों के सामने अंधेरा छाना, प्यास अधिक लगना, चिड़चिड़ापन व रक्ताल्पता इस रोग के लक्षण है। इस रोग की वजह से स्री में कमजोरी आ जाती है।
मासिक धर्म अधिक होना का उपचार:
- अनार: अनार के सूखे छिलके पीसकर छान लें इस चूर्ण की एक चम्मच फंकी ठंडे पानी से दिन में दो बार ले इसे अत्यधिक रक्तस्त्राव होना बंद हो जाता है। जब अधिक रक्तस्त्राव होने की शिकायत हो तब इन दिनों सहवास ना करें।
- मूंगफली: वैज्ञानिकों का मत है कि मूंगफली व इसे बने हुए पदार्थों के नियमित सेवन से मासिक धर्म के समय अधिक रक्त बहने की स्थिति में लाभ होता है। और मासिक धर्म अनियमित और खुलकर आता है।
- पपीता: कच्चा पपीता खाना अधिक मासिक धर्म में लाभदायक होता है। पपीता नियमित खाने से मासिक धर्म नियमित और संतुलित रहता है।
- नारियल: मासिक धर्म में नारियल का सेवन करना काफी लाभदायक होता है। इससे अनियमित पीरियड्स और खुलकर आता है। और मासिक धर्म संबंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
- चुकंदर: गाजर और चुकंदर का रस मिलाकर नियमित रूप से दिन में दो बार पीने से मासिक धर्म खुलकर आता है। और ज्यादा रक्तस्त्राव नहीं होता। इससे मासिक धर्म से संबंधित सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। मासिक धर्म के दौरान चकुंदर का सेवन नियमित करें।