प्रसव में देरी
अगर किसी कारण प्रसव में देरी हो जाती है तो नीचे दिए गए घरेलू उपचार कीजिए।
प्रसव में देरी घरेलू उपचार :
- गर्भ अवस्था में सवेरे श्याम बायोकेमिक कि कलकेरीय फास 6x दावा चार चार गोली जीभ पर रखकर चूसने से संतान स्वस्थ होती है और गर्भवती स्वास्थ्य रक्षा होती है। इस दवा को देने पर कैल्शियम की गोलियों की कोई जरूरत नहीं होती।
- अगर किसी भी प्रकार की प्रसव में देरी समस्या हो तो पीपल और बस पानी में पीसकर एरंड के तेल में मिलाएं तथा नाभि पर लेप करें। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित करने से हर तरह की प्रसव पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
- असली मुक्ता पिष्टी 3 ग्राम, स्वर्ण भस्म 1 ग्राम, अभ्रक भस्म सहस्त्र पुटी 3 ग्राम, स्वर्ण बसंत मालती 10 ग्राम, गर्भ चिंतामणि रस 10 ग्राम तथा अमृता सत्व श्वेत 5 ग्राम लेकर एक साथ मिलाकर शतावर के रस या क्वाथ के साथ खरल में पूरे दिन भर को घुटाई करके दो दो रत्ती की गोलियां बना ले। इसे एक एक गोली की मात्रा में दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करें। गर्भावस्था के विभिन्न समस्याओं में यह योग स्त्री की रक्षा करता है। गर्भकालका ज्वर, गर्भस्राव, श्वास काश, कमजोरी, वमन आदि को दूर कर के यह गर्भ की रक्षा करता है। अगर तीन चार महीने तक गर्भणि इसे नियमित रूप से सेवन करें तो प्रसव बिना कष्ट के होता है तथा शिशु भी स्वस्थ होता है।
- प्रसव पीड़ा समस्याओं में सौभाग्य शुंठी पाक का इस्तेमाल लाभदायक होता है। प्रसूता के लिए प्राचीन शास्त्रीय योग सौभाग्य शुंठी पाक अति लाभप्रद है। इसका सेवन करने से प्रसव के बाद विभिन्न रोगों से रक्षा होती है। इस पाक के सेवन से समस्त प्रदर, कष्टार्तव आदी नष्ट होते है तथा बल व आयु की वृद्धि होती है। यह पुष्टकारक होने के साथ-साथ स्त्री के सौंदर्य में भी निखार लाता है। इसके गुणों को देखते हुए पुरातन काल से इसका प्रयोग किया जा रहा है। यह गर्भवती स्त्रियों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं।